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 सूर्य के रत्‍न माणिक्‍य को अंग्रेजी में रूबी कहा जाता है।  सूर्य का रत्‍न होने के नाते माणिक्‍य सूर्य से संबंधित क्षेत्रों में शुभ फल प्रदान करता है। माणिक्‍य का सबसे महत्‍वपूर्ण लाभ ये है कि इसे धारण करने से जीवन में सफलता की प्राप्‍ति होती है। अगर कोई जीवन में सफल होना चाहता है तो इसके लिए उसे सूर्य देव को प्रसन्‍न करना पड़ता है। माणिक्‍य रत्‍न धारण कर आप सूर्य देव को प्रसन्‍न कर सकते हैं।

कई बार अनेक प्रयास करने के बावजूद मनुष्‍य को अपने काम या करियर में सफलता नहीं मिल पाती है। इसका कारण कुंडली में अशुभ या नीच स्‍थान में बैठा सूर्य हो सकता है। सूर्य को प्रसन्‍न कर जीवन में सफलता पाने के लिए माणिक्‍य रत्‍न धारण करने की सलाह दी जाती है।

स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक लाभ

- जो भी इस रत्‍न को धारण करता है उस वयक्‍ति में ओझ, आत्‍मबल बढ़ता है। यह रत्‍न हड्डियों की कमज़ोरी को भी दूर करता है।

माणिक्‍य रत्‍न त्‍वचा संबंधित विकार दूर करने में भी कारगर है।

ज्‍योतिषीय महत्‍व

सूर्य के इस रत्‍न के प्रभाव में आलसी व्‍यक्‍ति भी मेहनती बन जाता है। वह अपने काम को गंभीरता से लेने लगता है। माणिक्‍य के प्रभाव से मान-सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा में बढ़ोत्तरी होती है।

किसे पहनना चाहिए

जिन्‍हें अपने करियर, नौकरी या व्‍यवसाय में तरक्‍की करनी है या जिन्‍हें बहुत प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही है वो लोग माणिक्‍य रत्‍न जरूर धारण करें।

कैसे करें धारण

माणिक्‍य रत्‍न कम से कम 5 रत्‍ती का तो पहनना ही चाहिए। किन्‍तु यदि संभव हो तो 8 रत्‍ती ही धारण करें। इसे सोने की अंगूठी में जड़वाकर रविवार, सोमवार और बृहस्‍पतिवार के दिन धारण करना चाहिए। इस बात का अवश्‍य ध्‍यान रखें कि माणिक्‍य का स्‍पर्श आपकी त्‍वचा से अवश्‍य हो रहा हो।

हमसे क्‍यों लें

आप SHASTRI JYOTISH KENDRA


  ये माणिक्‍य रत्न ऑर्डर कर सकते हैं। SHASTRI JYOTISH KENDRA  से ऑर्डर किए गए सभी रत्न AGTL द्वारा सर्टि‍फाइड हैं।